प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय विद्यालयों की अहम भूमिका है। हर साल हजारों बच्चे केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने का सपना देखते हैं, लेकिन सफल कुछ ही होते हैं। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खोलने की पहल की थी। केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली ने राज्य सरकार को तय मानक के अनुसार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने को कहा था।

राज्य के हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय खोलने की पहल को ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के बाद राज्य के लिए पीएम मोदी की दूसरी सबसे बड़ी सौगात माना गया था, लेकिन तब केंद्रीय विद्यालयों के लिए तय मानक के अनुसार भूमि नहीं मिल पाई। शासन के मुताबिक, हर जिले में अब कम से कम दो नए केंद्रीय विद्यालय खुल सकें, इसके लिए पिछले साल सभी जिलाधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए थे।

रुद्रप्रयाग जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों से केंद्रीय विद्यालयों के लिए प्रस्ताव मिले हैं। कुछ जिलों से दो से अधिक प्रस्ताव मिले हैं। समय-समय पर मिले इन प्रस्तावों को उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन को भेजा गया है। जिला प्रशासन और उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्तर से इन विद्यालयों के लिए भूमि और अस्थायी भवन के मसले का निपटारा होने के बाद सभी प्रस्ताव केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली को भेजे जाएंगे।