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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को उड़ीसा के पुरी में कहा कि मानवता और सच्चाई को जाति, लिंग या धर्म के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति में हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुरी में गौड़ीय मठ और मिशन के संस्थापक श्रीमद् भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद की 150वीं जयंती समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होने कोरोना मुक्त विश्व के लिए महाप्रभु से प्रार्थना भी की।

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। मानवता और सत्य सर्वोच्च हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य समाज का कल्याण है।

डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की जय-जयकार करते हुए उन्होंने कहा कि इन लोगों ने महामारी काल में सेवा भावना को प्रदर्शित किया। जबकि इस काल में कई डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए.

राष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि मैं आशा करता हूँ कि गौड़ीय मिशन, मानव कल्याण के अपने उद्देश्य को सर्वोपरि रखते हुए चैतन्य महाप्रभु की वाणी को विश्वभर में प्रसारित करने के अपने संकल्प में सफल होगा।

By admin

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