सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्होंने सपा के गढ़ मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सपा प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने इसकी घोषणा की।
आजमगढ़ से सांसद अखिलेश ने कहा था कि वे अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से पूछकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला करेंगे।
करहल विधानसभा क्षेत्र को समाजवादियों का गढ़ माना जाता है। 1957 में करहल को सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र बनाया गया। 1974 में करहल सामान्य विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया।
करहल विधानसभा क्षेत्र को समाजवादियों का गढ़ माना जाता है। 1957 में करहल को सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र बनाया गया। 1974 में करहल सामान्य विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया।
मैनपुरी ने केवल सैफई परिवार के बेटों को ही नहीं बेटी को भी राजनीति में पहचान दिलाई। इसी मैनपुरी से वर्ष 2015 में सपा के टिकट पर सैफई परिवार की पहली बेटी ने राजनीति में कदम रखा। पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहिन संध्या यादव थीं। सपा के टिकट पर वे जिला पंचायत सदस्य चुनकर आईं और जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं।
वर्तमान में भोगांव को छोड़कर तीन पर सपा काबिज हैं। वहीं भोगांव सीट बीते चुनाव में भाजपा के खाते में चली गई थी। इससे पहले ये सीट लगातार पांच बार सपा के खाते में रह चुकी है। ऐसे में ये सीटी भी वापस पाने के लिए सपा इस बार पुरजोर कोशिश करेगी।