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दुनिया को परमाणु विभीषिका से बचाने के लिए पांच महाशक्ति देश एकजुट नजर आ रहे हैं। इन पांचों परमाणु शक्तियों- चीन, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका व फ्रांस ने इस बात पर सहमति जताई है कि परमाणु हथियारों का और प्रसार नहीं होना चाहिए और परमाणु युद्ध टाला जाना चाहिए।

 इसमें कहा गया गया है कि पांचों देश, जो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य भी हैं, मानते हैं कि परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच जंग टालना व सामरिक जोखिम कम करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
अंग्रेजी में रूपांतरित बयान में कहा गया है कि ‘हम स्पष्ट मानते हैं कि परमाणु युद्ध कभी नहीं जीता जा सकता, इसलिए यह कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए। चूंकि परमाणु शस्त्रों के उपयोग के दूरगामी परिणाम होंगे, इसलिए जब तक ये हथियार मौजूद हैं, उनसे रक्षात्मक उद्देश्यों की पूर्ति करना चाहिए, इनके जरिए आक्रमण और युद्ध को रोकना चाहिए।’

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने चीन के परमाणु भंडार को लेकर नवंबर में जारी अपने अनुमान में बड़ी बढ़ोतरी की है। उसके अनुसार चीन के पास 2027 तक करीब 700 परमाणु हथियार हो सकते हैं और 2030 तक ये 1000 तक पहुंच जाएंगे।

 पिछले गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने रूसी समकक्ष ब्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन पर संभावित कदम उनके देश पर प्रतिबंधों की वजह बनेगा और यूरोप में अमेरिकी की मौजूदगी बढ़ाएगा।

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