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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज से जोहानिसबर्ग में दूसरा टेस्ट खेला जाएगा. इस मैच में अल्लाहुद्दीन पालेकर भी डेब्यू करने जा रहे हैं. हालांकि, वो बतौर खिलाड़ी नहीं, बल्कि अंपायर अपने पहले टेस्ट में उतरेंगे.

पालेकर को यहां तक पहुंचने में 15 साल लग गए. उनके लिए यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा. वो 2 दिन पहले ही 44 बरस के हुए हैं. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वो ऐसा करने वाले 497वें व्यक्ति होंगे.

मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में काफी वक्त लग गया है. इसके लिए कड़ी मेहनत, संयम और परिवार से मजबूत समर्थन की जरूरत है. क्योंकि अंपायरिंग की वजह से आप लंबे वक्त तक घर से दूर रहते हैं.’

अल्लाहुद्दीन ने आगे कहा कि मेरे पिता मेरे लिए शीर्ष पर पहुंचने और अपने सपने को पूरा करने के लिए एक बड़ी प्रेरणा थे, जो वह हासिल नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि पिता हमेशा प्रथम श्रेणी के अंपायर बनना चाहते थे, लेकिन वो उस मुकाम तक नहीं पहुंच सके.

क्रिकेट साउथ अफ्रीका के मुताबिक, पालेकर अंपायरों के परिवार से आते हैं. उनके पिता जमालुद्दीन भी एक अंपायर हैं, जो अभी भी केपटाउन में स्कूल क्रिकट टूर्नामेंट में अंपायरिंग करते हैं. वो 90 के दशक में सीएसए की क्लब चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में भी अंपायरिंग कर चुके हैं. उनके एक चाचा भी हैं, जो अभी भी अंपायर हैं.

 

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