No Widgets found in the Sidebar

जिस किसी ने भी कहा है कि पैसे से खुशी खरीदी जा सकती है, वह हमेशा गलत साबित हुआ है। प्यार खोजने, प्यार पाने का असर खुशी पर बहुत ज्यादा होता है, बजाय तनख्वाह बढऩे के। अब एक नए शोध ने साबित किया है,तनख्वाह बढऩे से जितनी खुशी मिलती है, उससे कहीं ज्यादा खुशी प्यार पाने से मिलती है। यह खुशी इतनी होती है कि इसका असर भी काफी लंबे समय तक बना रहता है।

प्यार

प्यार पैसे से भी ज्यादा जरूरी

शोधकर्ता रिचर्ड लायार्ड के मुताबिक, इस शोध से एक बात तो साबित हो जाती है कि पैसा इकट्ठा करने में ध्यान लगाने की बजाय दिमागी स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। इसके लिए व्यक्ति के साथ-साथ समाज और सरकारों को भी प्रयास करने होंगे।

पहले सरकारें गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी ध्यान देती थीं लेकिन अब घरेलू हिंसा, शराबखोरी, अवसाद, एंजायटी, भटके हुए युवा, परीक्षा संबंधी तनाव जैसी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत ज्यादा है क्योंकि इन सब चीजों का असर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा होता है, जिस पर उसकी और उसके परिवार की खुशी टिकी हुई है।

कहते हैं कि प्यार एक ऐसी दौलत है, जिसे जितना बांटा जाएगा, वह उतनी ही बढ़ेगी। ऐसे में अगर आपको खुश रहना है तो अपने आस-पास मौजूद हर व्यक्ति को प्यार बांटते चलें। बच्चों से प्यार से बात करें। घर-परिवार में हंसी-खुशी का माहौल बनाएं। आपको यकीनन खुशी मिलेगी।

लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में हाल में व्यक्ति की खुशी को बढ़ाने वाली चीजों पर शोध किया गया। इस शोध में ब्रिटेन और पूरी दुनिया के दो लाख लोगों ने भाग लिया। शोध में पाया गया है कि अवसाद और संबंधों में विफलता मनुष्य के दुख के सबसे बड़े कारणों में से हैं। किसी के प्यार में होने से खुशी पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, जबकि वेतन बढऩे से मिलने वाली खुशी उतनी खास नहीं होती।

खास बात तो यह भी थी वेतन बढऩे से मिलने वाली खुशी अस्थाई थी। एक से दस तक स्केल में तनख्वाह दोगुनी से मिलने वाली खुशी दो अंक से भी कम थी, जबकि इसलिए इसके उलट जीवनसाथी से मिलने वाले प्रेम से मिलने वाली खुशी छह अंक से ज्यादा थी। डिप्रेशन, एंजायटी और बेरोजगारी से खुशी काफी नीचे गिर गई थी।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *