नई दिल्ली। सेक्स को लेकर फैंटेसी तो सभी के मन में रहती है। चाहे वो मर्द हो या औरत। हमेशा ऐसा देखा गया है कि जब भी सेक्स कल्पनाओं के बारे में बात होती है तो औरतों के अपेक्षा मर्दों की अजीब किस्म की फेंटेसी होती है। हालांकि औरतों की भी बहुत सारी फैंटेसी होतीं हैं लेकिन वो इससे दिखातीं नहीं हैं। एक रिसर्च के मुताबिक,मर्द इन फैंटेसी को अपने जीवन में अपनाने की भी सोचते हैं।
यही वजह है कि मर्द और औरत की #sexlife में फर्क आता है महिलाओं की इच्छाओं में कल्पनाओं में आसानी से फर्क देखा जा सकता है। द हेल्थ साइट पर प्रकाशित इस रिसर्च को करने का मकसद यही जानना था कि क्या सेक्स फेंटेंसी होना अच्छी बात है?इस पर कई लोगों ने अपनी विचारधारा व्यक्त की कि हम नार्मल फेंटेसी से अधिक की कल्पनाएं औरतें करतीं हैं। पैथलाजिकल यानी बेसिर पैर की फेंटेसी में पार्टनर की सहमति शामिल नहीं होती। इस तरह की फैंटेसी में दर्द बहुत होता है और किसी तरह का #Satisfaction नहीं मिलता है।बस इसे पूरा करने की चाह लोगों में होती है ।
सेक्स फेंटेसी , मर्दों से हैं कई गुना स्ट्रांग हती हैं औरतों में
शोधकर्ताओं ने सेक्सुअल फेंटेसी को लेकर 1,517 युवाओं को लेकर रिसर्च की जिसमें 799 पुरुष और 718 महिलाएं शामिल थी। ये रिसर्च जनरल ऑफ सेक्सुअल मेडिसन में की गयी थी। इस रिसर्च में प्रतिभागियों से उनकी सेक्सुअल फेंटेसी को लेकर सवाल-जवाब किए गए। साथ ही उनकी फेवरेट फैंटेसी की विस्तार से लिखने के लिए कहा गया। इस रिसर्च में बहुत सी महिलाओं ने हद से ज्यादा सेक्स की चाह रखी। हालांकि ये महिलाएं नहीं चाहती थी कि उनकी सेक्स फैंटेसी रियल लाइफ में भी पूरी हो।
वहीँ दूसरी तरफ, रिसर्च में ऐसे मर्दों की संख्या ज्यादा थी जो अजीब किस्म के सेक्स की चाह रखते हैं ।
इतना ही नहीं, वो इसे अपनी #real life में भी करने की कोशिश करते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की सेक्स फैंटेसी ज्यादा स्ट्रांग होती है ।